ईश्वर की मेरे जीवन में क्या इच्छा है?

क्या मेरी इच्छा ही ईश्वर की इच्छा है?

  क्या ईश्वर की इच्छा ये है कि हम पैसा कमाएँ? अमीर बनें? क्या हम सारी ज़िंदगी Temple Run की गेम की तरह एक ऐसे उद्देश्य की तरफ़ बहगते रहे जहां पहुँचना असम्भव है या जो मौजूद ही नहीं है। यह सवाल तो हम सब के मन मे आता ही होगा। अक्सर हम अपनी इच्छा को ईश्वर की इच्छा समझ बैठते हैं। आखिरकार मेरे जीवन मे उसकी क्या इच्छा है। पर बाइबिल हमे यह बताती है कि हम परमेश्वर की यह दो बाते/आज्ञा को माने और उस पर जीवन भर चलें  – 

1. परमेश्वर से प्रेम करना।

2. अपने पड़ोसी से अपने सामान प्रेम करना।

प्रभु हमारा परमेश्वर एक ही प्रभु है, और तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन से, और अपने सारे प्राण से, और अपनी सारी बुद्धि से, और अपनी सारी शक्ति से प्रेम रखना।’ और दूसरी यह है, ‘तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना। ’ इससे बड़ी और कोई आज्ञा नहीं।” मरकुस 12:29‭-‬31 

क्यों ना हम इसे विस्तार में देखें।

ईश्वर से प्रेम करना

परमेश्वर एक ऐसा पिता है जो हमेशा हमारा इंतजार करता है कि कब हम उसकी उपस्थिति में आए। वह अपनी बाहें खोले रखता है। और उसका प्रेम इतना अदभुत है कि उसने अपने इकलौते पुत्र को भी हमारे पापों के लिये क्रूस पर चढ़ाया।

वह चाहता है कि हम उसके प्रेम में बने रहे। उनके राज्य और धार्मिकता की खोज करें क्योंकि जब हम ऐसा करते है। हमारे जीवन मे बाकी की सारी जरूरत की चीजें हमें मिल जाती है। बाइबिल ऐसे बहुत से लोगों का ज़िक्र करती है जिन्होंने ईश्वर को अपनी ज़िंदगी में पहली जगह दी और अपने उद्देश्य को पा लिया। जैसे कि बाइबिल कहती है “जो बातें आँख ने नहीं देखी और कान ने नहीं सुनी, और जो बातें मनुष्य के चित में नहीं चढ़ीं, वे ही हैं जो परमेश्‍वर ने अपने प्रेम रखनेवालों के लिये तैयार की हैं।”

अपने पड़ोसी से अपने सामान प्रेम करना

आप सभी ने Good Samaritan अच्छा सामरी होना यह तो सुना ही होगा। ईश्वर चाहता है कि हम एक दूसरे की मदद  करें। जैसे कि आजकल हम यह बुरे दिन देख रहे हैं। कैसे लोग मुश्किल में है, तड़प रहे है बीमारी में, सिर्फ शारिरिक ही नही पर मानसिक और आर्थिक रूप से। तो क्या आपको लगता है आज वास्तविकता में हम लोगों की मदद कर पा रहे है? शायद हा ऐसे बहोत सारे लोगो को हमने देखा है सामने आके लोगो की मदद करते हुए। और पड़ोसी कौन है? जो भी इंसान हमारे अलावा आजु बाजू में, घर मे, समाज मे, दुनियाभर में है वह हर एक हमारा पड़ोसी है। और परमेश्वर चाहता है कि हम जैसे आपने आप से प्यार करते है। वैसे ही दूसरे से भी करे। हर दिन, सभी जगह, हर समय। 

क्या आप चाहते है की यह दो बातें आपके जीवन मे पूरी हो। क्या आप चाहते है परमेश्वर की इच्छा को आपके जीवन मे पूरी होते हुए देखे? तो आप हमारे साथ प्रार्थना कर सकते है नयी मंजिल पर चैट के द्वारा।

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Nirvi

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