भगवान

क्या ईसाई धर्म एक पश्चिमी धर्म है? क्या इसे देश, सभ्यता और समाज से जोड़ा जाता है?

यीशु की सच्चाई: ईसाई धर्म 

मैं एक भारतीय हूँ और मेरा जन्म एक ईसाई (christian) परिवार में हुआ थाजहाँ पर हम रहते थे वहाँ पर कोई और क्रिश्चियन नहीं थाऔर जिस स्कूल में मैं पढता था वहाँ पर भी कोई क्रिश्चियन  नहीं थाअक्सर मैं अपने चारों ओर  इन आवाज़ों को सुना करता था कि  क्रिश्चियनस  इंडिया के नहीं होते या फिर वो कहते थे की “christianity is not an Indian religion”।

मुझे याद है मैंने एक बार अपनी मम्मी से पूछ था कि हम लोग सच में कहाँ से आये हैं, क्योंकि हमारे चारों ओर सब लोग कहते थे की ईसाई धर्म पश्चिमी हैइसी विचार को लिए हुए मैं बड़ा हुआमुझे भी यही लगने लगा था की सारे पश्चिमी लोग या जितने गोरे लोग होते हैं वो सब क्रिस्टियन्स होते हैं। लेकिन काफी समय बाद मुझे ये मालूम हुआ की ऐसा बिलकुल नहीं है बल्कि वहां पर तो कहानी कुछ और ही हैसच्चाई तो यह है की क्रिश्चियनिटी का इन सब बातों से कुछ लेना देना ही नहीं है क्योंकि वास्तव में ये कोई धर्म है ही नहीं

 

 

क्या क्रिश्चियनिटी सच में एक पश्चिमी धर्म है?

1  जनमस्थान: यीशु की कई तस्वीरों में उसे गोरे रंग में और सुनहरे बालों में दिखाया गया हैपर सच्चाई तो यह है की उनका जन्म ऐशिया माहाद्वीप में मिडिल ईस्ट के एक देश इसराएल के एक छोटे से शहर बेतलेहम में हुआ थाउनका रंगरूप बिलकुल हमारे ही जैसा था। 

2  भारत में पारीचेय: भारत में भी उनके विषय में हमें अंग्रेज़ों ने नहीं बताया बल्कि दो हज़ार साल पहले यीशु के ही एक शिष्य थॉमस दक्षिण भारत (South India) आये थे, और वहाँ पर उन्होंने सब को यीशु के बारे में बताया, और ये सब अंग्रेज़ों के आने से हज़ारों साल पहले हुआ

3 परमेश्वर और मनुष्य: वास्तविकता में ये कोई धर्म है ही नहींये तो एक रिश्ता है जो मनुष्य और परमेश्वर के बीच में होता है। बाइबिल हमें एक अच्छी जीवन शैली सिखाती है और सत्य की राह पर चलना सिखाती है। 

4   बाइबिल और समाज: समाज में भी बाइबिल का बहुत बड़ा योगदान है। जैसे की न्याय के उच्च स्तर; व्यभिचार, समलैंगिकता और अन्य यौन विकृतियों की निंदा; महिलाओं का उत्थान; आधुनिक विज्ञान। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि गाँधी जी द्वारा अहिंसा आंदोलन भी बाइबिल से लिया गया था। उन्होंने बाइबिल के सिद्धांतों का पालन किया। 

निष्कर्ष निकालते हुए, मैं कहना चाहूंगा कि यह समाज की सोच है, लेकिन वास्तविक तथ्य नहीं। हम आपको बाइबिल  पढ़ने और यीशु को जानने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यदि आप यीशु और इस रिश्ते के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो कृपया हमसे ज़रूर संपर्क करें। हमें ख़ुशी होगी आपसे इस विषय में और अधिक बात कर के। 

चलिए हमारे साथ इस नयी मंज़िल पे।

Share
Published by
Nirvi

Recent Posts

मुझे हर वक्त थकावट रहती है 

क्या आप बिना कुछ काम किए भी हर समय थका हुआ महसूस करते हो? कई…

3 months ago

मनोकामना पूरी होने के संकेत

आपने अपनी मनोकामना को पूरी करने के लिए क्या क्या किया है? हम अपनी मनोकामना…

5 months ago

आप प्यार और पैसे में से क्या चुनोगे?

प्यार के बिना ज़िंदगी का कोई मतलब नहीं है पर यह भी सच है कि…

8 months ago

क्या कर्म करने से मेरी क़िस्मत बदल सकती है?

“क़िस्मत का लिखा कोई नहीं मिटा सकता।” “ये तो नसीबों की बात है।” क्या हमारी…

10 months ago

अपने भविष्य की अच्छी योजना कैसे बनाएँ?

ये बात सच है कि "कल किसने देखा है" पर भविष्य की तैयारी और योजना…

11 months ago

ट्रेन डीरेलमेंट की दर्दनाक दुर्घटना

ट्रैन पटरी से उतरने की दुर्घटना में, घायल हुए 1000 से भी ज़्यादा लोग। इस…

1 year ago