कल मेरी मुलाक़ात एक स्कूल की दोस्त से हुई और उससे बातें करते–करते हम भगवान के अस्तित्व की बात करने लगे कि कैसे बचपन से हमे यह सब सिखाया गया कि भगवान में आस्था रखनी है, पूजा पाठ करना चाहिए है लेकिन सालों से यह सब सीखते और करते हुए अब खालीपन सा महसूस होता है कि उसकी आवाज़ तो कभी सुनी ही नहीं और न ही कभी उसे देखा-परखा कि जिस पर आस्था रखते आए हैं क्या वो सच में जिंदा है भी नहीं? क्या वो सच में एक सच्चा जीवित भगवान है, या उसकी भी कोई शुरुआत है?
मेरी सहेली सुमन को तो उसके सवालों का जवाब मिल गया तो क्यों न आप भी इस हकीकत को जान जाए की आखिर भगवान है या नहीं? क्या वो सच में एक जिंदा ईश्वर है?
1. बाईबल के उत्पत्ति में ऐसा लिखा है कि परमेश्वर ने सृष्टि की रचना की और जीवन प्रदान किया जिससे यह साबित होता है की वह स्वयं जीवन को बनाने वाला और जीवन प्रदान करने वाला है।
2. दूसरी ओर भजन संहिता में लिखा है कि जिसने आंख बनाईं क्या वह नहीं देखता और जिसने कान बनाए क्या वह नहीं सुनता! वो मूरत नही जिसकी आंखे है और नही देखता जिसके कान तो है पर सुनता नहीं है। परमेश्वर सब देखता है और सुनता है।
3. 2 कुरिन्थियों 3 में ऐसा लिखा है कि परमेश्वर आत्मा है और वह हर जगह है। वह एक जगह और एक मनुष्य तक सीमित नहीं है। वह हर जगह है।
4. मत्ती 6 में लिखा है कि वह आकाश के पक्षियों को भोजन देता है और ज़मीन की घास को जो आज है और कल नही उन्हें डांपता है जिससे यह पता लगता है की उसे हमारी चिंता है, वह हमारे खाने, पीने और जरूरतों को पूरा करने में सामर्थी है।
वह मूरत से सूरत तक सीमत नही, मनुष्य के विचारों की तरह नहीं कि वह ऐसा है या वैसा है तक सीमत है। उसने अपने शब्द की ताक़त से वो सब जो हम देख सकते हैं बनाया है और उन्हें अपने शब्द की ताकत से उन्हे स्थिर रखे है जैसे चांद, तारे और सूरज।
वह हमारा पिता है और हम उसके बच्चे हैं। वो हमें हमारे पैदा होने से पहले से जानता है और हमारे विषय में भलाई की योजनाएं और कल्पनाएं करता है।
जब मैने यह सब बातें सुमन को बताई तो उसका मन शांति और तसल्ली से भर गया और उसकी सारी चिंता खत्म हो गई और उसने एक नए नज़रिए से परमेश्वर को देखा और अब वो बिना शक, शर्म के परमेश्वर पर सारे मन के साथ विश्वास करती है कि ईश्वर सच में जीवित है और उसे देखने के लिए नज़रिए को बदलने की जरूरत है।
अगर आप भी इस परमेश्वर के बारे में और जानना चाहते हैं तो हमसे बात करें।
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