टी.वी. पर मैंने एक बार एक फिल्म में सुना था जिसमें यह बताया जा रहा था कि ” इंसान भगवान को नहीं देख सकता क्योंकि इंसान पापी है और भगवान पवित्र है। एक पापी का पवित्र के साथ कोई रिश्ता नहीं हो सकता। अगर इंसान के सामने भगवान प्रकट हो जाए तो इंसान मर जायेगा।”
टी.वी, कथा कहानियों में तो हमने ये हज़ार बार सुना और देखा है पर यदि हम सच में भगवान को देखना चाहते हैं तो क्या यह मुमकिन है?
तो चलिए देखते है कि पूर्वकाल के लोगों ने कैसे इसे अनुभव किया और आज हम कैसे इसे अनुभव कर सकते हैं। यहूदियों के इतिहास की किताबों में लिखा है कि मूसा ने ईश्वर को एक जलती झाड़ी के रूप में देखा और ईश्वर की आवाज़ सुनी और दूसरी ओर बादल और आग के खंबे के रूप में इज़राइली लोगो ने परमेश्वर को देखा।
और यही नहीं परमेश्वर ने उन्हें यह आज्ञा दी कि वह उनके बीच में रहेगा इसलिए उन लोगों ने परमेश्वर के बताए अनुसार एक मंदिर बनाया जिसमें उनके ईश्वर की उपस्थिति थी और केवल एक यहूदी याजक परमेश्वर की दी हुई आज्ञाओं के अतिरिक्त साल में एक बार ही मंदिर के भीतर आंगन में जा सकता था और इस तरह से परमेश्वर लोगों से मिला करता था।
पर ये बात तो हजारों साल पुरानी है उस समय के अनुसार परमेश्वर उनसे उस तरह से मिलता था पर आज वो अपने विश्वास करने वालों से दूसरी तरह से मिलता है।
आज के समय के लिए बाइबिल के प्रेरितों के काम में ऐसा लिखा है कि परमेश्वर अंत के समय में सब लोगों पर अपना आत्मा ऊँढेलेगा और जवान उसे दर्शन में देखेंगे और बूढ़े लोगों को परमेश्वर के सपने आएंगे और वह सपनों में आकर अपने आप को सब पर प्रकट करेगा ताकि उसे देखकर लोग उस पर विश्वास करें कि वो सच में जीवित है, शक्तिमान है और चमत्कारी रूप से लोगों पर अपने आपको प्रकट करता है।
यदि आप उसे देखने की चाह रखते हैं तो इस वचन को देखे जो बाइबिल के (प्रेरितों के काम– अध्याय 2) में लिखा है और इस पर विश्वास करें और खुद उसे न्यौता दे कि वह आपके सपनों में आकर अपने आपको आप पर प्रकट करें और दर्शनों के द्वारा आपसे मिलें ताकि आप खुद जान जाए कि एक जीवित परमेश्वर है जो अपनी सामर्थ से सारे ब्रह्माण्ड को संभाले है, जो आपकी चिन्ता करता है, आपसे प्यार करता है और आप उसे देख सकते है और वो आपको देखता है और वो आपकी प्रार्थनाओं को सुनता है और उसका उत्तर देता है।
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