भगवान
पाप क्या है? क्या है इसके परिणाम? जानिए पाप से छूटने के उपाय!
क्यों हम पाप को समझने के लिए धर्म का सहारा लेते है? साधारण शब्दों में पाप क्या है? मनुष्य क्यों इसमें गिर जाता है? जानिए इससे मुक्ति के उपाए।
पाप और धर्म
अक्सर जब हम यह पाप शब्द सुनते हैं तो हमारे दिल में बस एक ही बात सामने आती है, वो है धर्म। क्योंकि जब कभी हम पाप को समझना या समझाना चाहते हैं तो धर्म का ही सहारा लेते हैं। और फिर तुरंत हम वहां से अलग हो जाते है ये सोच कर की मेरा इस से क्या लेना देना या मेरा इस से क्या फायदा या नुक्सान होने वाला है। इसे समझने के लिए हमें समझना होगा कि पाप है क्या और ये भी की हमारे जीवन में उसके क्या परिणाम होते हैं।

अगर मैं साधारण शब्दों में कहूं तो पाप और कुछ नहीं बल्कि सिर्फ “अपने उद्देश्य से चूक जाना” है या English में कहें “missing the mark”। पर यहाँ पर हम किस मार्क या उद्देश्य की बात कर रहे हैं ? देखिये, मनुष्य जिसे परमेश्वर ने बनाया, उसे उसने एक उद्देश्य के साथ बनाया था। हम यहाँ इस दुनिया में बस ऐसे ही नहीं आये, बल्कि हम सबके जीवन का एक उद्देश्य परमेश्वर ने रखा है। और वो प्राथमिक, सब से पहला उद्देश्य यह था की मनुष्य परमेश्वर के साथ में सदा पुरे आनद के साथ रहे। पर क्योंकि परमेश्वर अति पवित्र है इसलिए साथ रहने के लिए उसने कुछ स्तर या स्टैंडरड (marks) रखे। उस स्तर से गिरने या marks से चूक जाने को ही हम पाप कहते है।
साधारण शब्दों में पाप क्या है? एक उदाहरण
