अक्सर जब हम यह पाप शब्द सुनते हैं तो हमारे दिल में बस एक ही बात सामने आती है, वो है धर्म। क्योंकि जब कभी हम पाप को समझना या समझाना चाहते हैं तो धर्म का ही सहारा लेते हैं। और फिर तुरंत हम वहां से अलग हो जाते है ये सोच कर की मेरा इस से क्या लेना देना या मेरा इस से क्या फायदा या नुक्सान होने वाला है। इसे समझने के लिए हमें समझना होगा कि पाप है क्या और ये भी की हमारे जीवन में उसके क्या परिणाम होते हैं।
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