“परम्परा, प्रतिष्ठा, अनुशासन। यह इस गुरुकुल के तीन स्तम्भ है। यह वो आदर्श हैं जिनसे हम आपका आने वाला कल बनाते हैं।”
आपने मोहब्बतें फ़िल्म में अमिताभ बच्चन जी का ये फ़ेमस ड़ाइलोग तो सुना ही होगा। और आज हम इसके तीसरे स्तम्भ “अनुशासन” पर बात करते हैं। इसका मतलब क्या है? आख़िर अनुशासन से मेरा क्या फ़ाइदा होगा- इस तरह के सवाल हमें परेशान करते हैं।अनुशासन का मतलब है अपने मन और शरीर को ट्रेन करना ताकि हम अपने आप को और अपने ऐक्शंज़ को कंट्रोल कर सकें और नियमों का पालन कर सकें और अपने निर्धारित गोल/ मंज़िल तक पहुँच सकें। आइए हम इसे आसान तरीक़े से समझें- आपने प्रकृति को देखा है उसको बनाने वाले ने हर चीज़ का नियम बनाया है फिर वो मौसम, पेड़ पौधे हो या जीव जंतु और अगर हम उस अनुशासन का उलांघन करते हैं तो हमें उसका परिणाम भुगतना पड़ता है वैसे ही अनुशासन का महत्त्व हमारे जीवन में है।
हर सुबह सोशल मीडिया पर हम बॉलीवुड सिलेब्रिटीज़ की जिम जाने की विडीओ और तस्वीरें देखते हैं और ये उनके अनुशासित जीवन का उदाहरण है। अनुशासन हमारे सफ़र और मंज़िल के बीच की वो सीढ़ी है जिसे तय किए बिना हम अपनी मंज़िल तक नहीं पहुँच सकते फिर वो स्कूल में पढ़ाई हो या खेलकूद हो; ऑफ़िस में नौकरी हो या घर पर नियमित तरीक़े से समय देना। जीवन में अनुशासन उस स्तम्भ की तरह है जिस पर हमारी सकेसस टिकी हुई है। जीवन में सफल होने के लिए टैलेंट या स्किल काफ़ी नहीं होते अगर अनुशासन ना हो तो हमारे स्किल और टैलेंट किसी काम के नहीं हैं।
अनुशासन की कीमत हमेशा पछतावे की कीमत से कम होती है। इसलिए आत्म अनुशासन हमारे जीवन का सबसे बड़ा निवेश है। Dr. APJ Abdul Kalam
अगर आपको मदद की ज़रूरत है तो नयी मंज़िल से बात करें।
क्या आप बिना कुछ काम किए भी हर समय थका हुआ महसूस करते हो? कई…
आपने अपनी मनोकामना को पूरी करने के लिए क्या क्या किया है? हम अपनी मनोकामना…
प्यार के बिना ज़िंदगी का कोई मतलब नहीं है पर यह भी सच है कि…
“क़िस्मत का लिखा कोई नहीं मिटा सकता।” “ये तो नसीबों की बात है।” क्या हमारी…
ये बात सच है कि "कल किसने देखा है" पर भविष्य की तैयारी और योजना…
ट्रैन पटरी से उतरने की दुर्घटना में, घायल हुए 1000 से भी ज़्यादा लोग। इस…