हम सब अपनी ज़िन्दगी में कभी ना कभी शायद ये सोचते होंगे, की काश मेरी किस्मत या भाग्य में यह ना होता या मेरी किस्मत ही ख़राब है जो मेरे साथ यह हुआ। पर क्या कभी आपने सोचा है की ये किस्मत या भाग्य है क्या?
“खुदी को कर बुलंद इतना की हर तक़दीर से पहले। खुदा बन्दे से पूछे बता तेरी रज़ा क्या है!” कितनी सचाई है इस बात में?
अक्सर हमे ये सिखाया या बताया जाता है की हमारी किस्मत या भाग्य ऊपर से लिखकर आती है पर अगर ये ही सच है तो फिर इस ज़िन्दगी में मेहनत करने, या योजना बनाने या फिर सपने देखने का मतलब ही क्या रह जाएगा?
और फिर जब हम हताश होते है तो कहीं ना कहीं वो पुराना गाना गाने लगतें हैं “दुनिया में अगर आये है तो जीना ही पड़ेगा, जीवन है अगर ज़हर तो पीना ही पड़ेगा” अगर ज़िन्दगी एक ज़हर है और सब कुछ पहले ही से भाग्य में लिखा हुआ है तो फिर इस ज़िन्दगी का मतलब ही क्या है? आप जो भी करें आप उसमे सफल ही नहीं होंगे क्योंकि अंत में आपके भाग्य में तो कुछ और ही लिखा हुआ है।
मेरे हिसाब से ये एक बहाना है जो की बहुत से लोग इस्तेमाल करते है जब उनकी ज़िन्दगी और परेशानियों पर उनका कोई बस नहीं चलता।
क्या कभी आपने सोचा है की हमारा आज का जीवन हमारी ही बीती ज़िन्दगी में लिए गए निर्णयों और चुनावों का नतीजा है। हम आज अपनी ज़िन्दगी में जो भी चुनाव करते है वो हमारे आने वाले कल को प्रभावित करता है।
ज़रा सोचिये आज आप अगर कोई बहुत बुरा नशा करते है और ऐसी ही कुछ और बुरी आदतों का शिकार हैं। तो आपके जीवन के इन चुनावों या निर्णयों की वजह से आपको किसी मुश्किल का सामना करना पड़े तो फिर क्या आप इसे अपने भाग्य पर छोड़ कर उसे इसका ज़िम्मेदार ठहराएंगे?
आप अपने चारों ओर नज़र उठा कर देखिये और आप पाएंगे उन लोगों को जिन्होंने अपनी ज़िन्दगी में सही या गलत चुनाव किये और आज वो उनका परिणाम अपनी ज़िन्दगी में देख रहे है, ना की उन लोगों को जो की भाग्य के सहारे अपनी ज़िन्दगी काट रहे है।
अब अगर हम अपनी खुद की बात करें तो पाएंगे की हमने भी कभी अपनी ज़िन्दगी में ऐसे कुछ निर्णय लिए होंगे जिनकी वजह से आज हम यहां पर है। कुछ सही कुछ गलत, कुछ भावनात्मक और कुछ समझदारी से। और फिर अक्सर हम पीछे पलट कर देखते है और कहते हैं काश मैं वो चुनाव नहीं करता या काश मैं वो निर्णय ले लेता।और फिर वहां से शुरू होता है एक और दौर जिसमे कहीं ना कहीं हम खुद को या फिर दूसरों को दोष देने लगते है। पर सच तो ये है की जो हो चुका उसे कोई नहीं बदल सकता।
लेकिन सोचिये आपको कैसा लगेगा अगर मैं आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताऊँ जो आपके बीते कल को मिटा सके और आपको आने वाले भविष्य के लिए एक नई राह दिखा सके? वो जो आपको आज, आने वाले कल में सही निर्णय लेने की क्षमता दे सके? उनका नाम यीशु मसीह है। जिन के द्वारा आप अपनी ज़िन्दगी में सही मार्ग चुन सकें और सही निर्णय लेकर आने वाले कल को बेहतरी की और ले जा सकें।
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