आपका जीवन असफलता से ज़्यादा ज़रूरी है। कई बार जीवन में ऐसे मोड़ आते हैं जब हमें कोई रास्ता नज़र नहीं आता। हमें लगता है कि किसी को हमारी परवाह नहीं है, और हम अकेले हैं। असफलता हर कदम पर हमारा पीछा नहीं छोड़ती। लेकिन यकीन जानिए कि आपके जीवन से अधिक कुछ भी ज़रूरी नहीं है।आत्महत्या नहीं है असफलता का हल।
पिछले साल मार्च महीने में 24 साल के एक नौजवान की आत्महत्या ने पूरे देश को हिला दिया। इस युवक ने होटेल ताज में एक कमरा लिया, बहुत सारी शराब पी, अपने माँ-बाप और दोस्तों के नाम कुछ चिट्ठियाँ लिखीं, उसके बाद उसने फ़ेसबुक लाइव पर अपने दोस्तों को अलविदा कहा, उसके बाद उसने एक एक करके उसने देखने वालों को बताया की आत्महत्या कैसे करते हैं। उसके बाद उसने होटेल के अपने कमरे की खिड़की को तोड़ा और वह नीचे कूद गया। उसके सूसाइड नोट में पाया गया कि वह बहुत समय से डिप्रेशन में था।
इस खबर ने हमारे समाज के बारे में बहुत से सवाल उठाए। ये लड़का पढ़ाई में कमज़ोर था, उसके कम नंबर आते थे और वह ड्रग्स लेने लगा था।
भारत में 1,35,000 लोग हर साल आत्महत्या करते हैं। हर घंटे भारत में कोई एक छात्र आत्महत्या करता है।
अधिकतर इन आत्महत्याओं का कारण है परीक्षा या करियर में असफलता। क्यों हमारे जवान असफलता को झेल नहीं पाते? रिपोर्ट बताती है कि हमारे यहाँ परिवार और दोस्त अक्सर ऐसे लोगों की मदद नहीं कर पाते।
अगर आपके भी दिमाग़ में आत्महत्या जैसे ख़याल आते हैं या आप किसी ऐसे दोस्त को जानते हैं जो मरने की बातें कर रहा हो तो ये लेख आपके लिए है।
जान है तो जहान है। कई बार जीवन में ऐसे मोड़ आते हैं जब हमें कोई रास्ता नज़र नहीं आता। हमें लगता है कि किसी को हमारी परवाह नहीं है, और हम अकेले हैं। असफलता हर कदम पे हमारा पीछा नहीं छोड़ती लेकिन यकीन जानिए कि आपके जीवन से अधिक कुछ भी ज़रूरी नहीं है। आपकी वास्तविक हार तभी होती है जब आप उसे मान लें। सबसे बड़ी हार है अपने जीवन से हाथ धो बैठना।
अगर आपको लगता है कि किसी को आपके जीवन से फ़र्क नहीं पड़ता तो आप ग़लत हैं। आपका जीवन आपके खुद के लिए ज़रूरी है।
तो आप अकेले नहीं है। हम आजकल जिस तरह का तनाव भरा जीवन जीते हैं, और जिस तरह से हर रोज़ हमें असफलता का सामना करना पड़ता है, ऐसे विचार बहुत लोगों के मान में आते हैं। ऐसे विचार आने का मतलब ये नहीं है कि आप कमज़ोर हैं, या पागल हैं। इसका सिर्फ़ यह मतलब है कि आप आम जीवन से ज़्यादा तकलीफ़ या दुख मैं हैं। लेकिन समय के साथ और थोड़ी मदद के साथ, आप हर समस्या का हाल निकाल सकते हैं।
दुनिया के सबसे सफल, और सम्मानित व्यक्तियों ने असफलता का सामना किया है और आत्महत्या की भावना पर विजय पाई है।
आप कैसे भी परिस्थिति में हों, दुनिया में ऐसे बहुत लोग हैं जिनको आपकी ज़रूरत है, ऐसी जगह हैं जो आपको देखनी हैं, और अनुभव हैं जो जीवन को सार्थक बनाते हैं। मृत्यु के विचार तक पहुँचकर उस पर विजय पाना बहादुरी की बात है और आप उस पर विजय पा सकते हैं।
हर व्यक्ति का दिमाग़ और भावनाएं अलग होती हैं। कई बार लंबी बीमारी, प्यार में असफलता, परीक्षा में फेल हो जाना, करियर में असफलता, डिप्रेशन जैसी वजहों से हमें आत्महत्या के विचार आते हैं।
कई बार असाफलता या दुख हम पर इतना हावी हो जाता है कि हमें लगता है जीवन का अंत कर देना ही इसका हाल है। इसका ये मतलब नहीं की वास्तव में कोई हल मौजूद नहीं है। इसका सिर्फ़ ये मतलब है की अभी आप उस हल को देख नहीं पा रहे हैं। समस्या का हल एक जादुई छड़ी नहीं है। उसको निकालने में समय लगता है। आप अपने दोस्तों, परिवार, जीवन साथी, सीनियर, शिक्षक से राय मांगें।
मशहूर अभिनेत्री दीपिका पादुकोंन भी इस दौर से गुज़र चुकी हैं। तब उन्होने अपने परिवार और दोस्तों की मदद ली। उन्होने अपने डिप्रेशन से लड़ाई की। दोस्तों आत्महत्या एक ऐसी भावना है जो कुछ समय के लिए आपके ज़हन में रहती है। खुद को कुछ समय दीजिए और ठंडे दिमाग़ से सोचिए।
ऑस्ट्रेलिया में जन्मे निक व्युचिच को एक दुर्लभ बीमारी है। जब वे पैदा हुए थे, तो उनके दोनो हाथ और पैर नहीं थे। इसका मतलब था कि वे खाना खाने से लेकर हर काम के लिए दूसरे लोगों पर निर्भर होते। जब वे 16 साल के हुए तब उन्हे लगा कि उनका जीवन बैमानी है। कई बार उनके मन में आया कि वे अपनी जान दे दें। लेकिन उन्होने इसके बदले अपने परिवार को मन की बात बताई। उनका परिवार यीशु मसीह में विश्वास करता था। तब सबने उनके साथ बैठकर प्रार्थना की और उनको प्रोत्साहित किया। तब निक एक वक्ता बनें। उन्होने अपनी एक संस्था शुरू कि जो विकलांग लोगों को प्रोत्साहित करने का काम करती है। जब वे 29 साल के हुए तो उनको लगा की कोई लड़की उन जैसे विकलांग से प्यार नहीं करेगी। लेकिन तब उनके जीवन में एक खूबसूरत लड़की आई। वह उनके एक भाषण से इतनी प्रभावित हुई कि वह उनकी तरफ बहुत आकर्षित हुई। उन्होने कुछ समय के बाद शादी कर ली और आज उनके 4 बच्चे हैं। दोस्तों, सबसे दुर्लभ समस्या के हल मौजूद हैं।
1. वादा करिए की आप अभी कोई बुरा कदम नहीं उठाएँगे
ये भावना सिर्फ़ कुछ समय की है। खुद से वादा कीजिए की आप अगले एक हफ्ते तक कोई भी गलत कदम नहीं उठाएँगे। विचार और फ़ैसला दो अलग-अलग चीज़े हैं। कोई आपको ऐसा कदम उठाने के लिए नहीं कह रहा है। आपको ऐसा करने की कोई ज़रूरत नहीं है।
2. शराब या नशे से बचिए
ये चीज़ें सिर्फ़ कुछ देर के लिए आपको आत्महत्या के विचार को भुला देतीं हैं। इनसे नुकसान ही होता है। इसके बदले अपना ध्यान हल खोजने में लगाइए।
3. अपना घर सुरक्षित कीजिए
अपने घर से हर वो चीज़ कुछ वक्त के फेंक दीजिए जिस से आप खुद को नुकसान पहुँचा सकते हैं। जैसे रेज़र, चाकू, बंदूक, गोलियाँ, आदि।
4. अपनी भावना दोस्तों या परिवार को बताइए
अपने परिवार से कहिए की आपसे ये दर्द या परेशानी देखी नहीं जा रही है। उनसे कहिए की आप आत्महत्या के विचारों से जूझ रहें है। आप डॉक्टर या काउंसलर से मिलिए।
5. अगर कोई ना सुने तो हेल्पलाइन का इस्तेमाल करें
भारत में मदद के लिए इन नंबरों पर कॉल कीजिए: 022 2754 6669, 011 23389090, 033 24637401/7432, 022 25521111
6. जिसका कोई नहीं होता, उसका परमेश्वर् होता है
अगर आपको अकेलापन लग रहा है तो आप जीवित परमेश्वर यीशु मसीह से प्रार्थना कीजिए।
बाइबिल में परमेश्वर कहता है, “मैं तुझे कभी नहीं छोड़ूँगा और ना त्यागूंगा।”
आत्महत्या की आवाज़ शैतान की ओर से होती है। वो नहीं चाहता की आप एक खुशहाल जीवन जियें। उसकी बात मत मानिए। जीवित परमेश्वर को पुकारिए। वो आपको कभी निराश नहीं करता। वो आपको प्यार करता है, इतना जो कोई आपका अपना भी नहीं कर सकता। आपकी हर साँस उसके लिए ज़रूरी है।
आज ही उस से प्रार्थना कीजिए। वो शांति का परमेश्वर है। चलिए हमारे साथ इस नयी मंज़िल पे।
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