हम सभी के जीवन में कई बार ऐसा समय आता है जब वह चीजें जो हमारे लिए सबसे प्यारी होती हैं वह हमसे दूर हो जाती हैं या हमें मिलती ही नहीं। सच यह है कि हमारी जिंदगी में ऐसा समय आता ही है और हमें इसका सामना करना पड़ता है। हमें इस बात को जानने की आवश्यकता है कि हमारा जीवन इतना कठिन क्यों है?
चुनौतियां हमारे जीवन का एक हिस्सा हैं। हम जीवन में अलग-अलग चुनौतियों का सामना करते हैं। जबकि कुछ लोग इन चुनौतियों से कुछ नया सीखते हैं, हम भी अपने जीवन में इनके द्वारा बहुत सी चीजों को और बातों को सीखते हैं। यह अनुभव हमें एक बेहतर इंसान बनाता है और आगे बढ़ने में हमारी मदद करता है।
चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें अपने आरामदायक क्षेत्र से बाहर निकलने की ज़रूरत है। इनसे निपटना हमारे लिए मुश्किल हो सकता है और आसान भी हो सकता है हमें मुश्किलों के साथ साहस और दृढ़ता से पेश आना चाहिए। जीवन में आने वाली चुनौतियों का हमें कुछ इस प्रकार सामना करना चाहिए।
शांत रहना : कोई फर्क नहीं पड़ता की स्थिति क्या है? हमें इससे शांति के साथ निपटना चाहिए जब हम शांत रहेंगे तब हम उस समस्या के साथ आसानी से निपटने के लिए उपाय सोच सकते हैं यदि हम इसके बारे में सोचते ही रहेंगे तो हम बुद्धिमानी से काम नहीं कर पाएंगे।
परिवार और दोस्तों से मदद लें: जरूरत पड़ने पर परिवार और दोस्तों से मदद लेने में कोई बुराई नहीं है। जबकि हमें उन पर पूरी तरह से निर्भर नहीं होना चाहिए। जीवन में लक्ष्य निर्धारित करना महत्वपूर्ण है और उन्हें हासिल करने के लिए हमें मेहनत करनी चाहिए। क्योंकि हम परिवार के बिना कुछ नहीं कर सकते इसलिए हमें लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करने की ज़रूरत है उसी प्रकार परिवार की भी ज़रूरत है।
भगवान की मदद लें: बाइबिल में प्रभु यीशु मसीह कहते हैं कि “आकाश के पक्षियों को देखो! वे न बोते हैं, न काटते हैं, और न खेत्तों में बटोरते हैं; तौभी तुम्हारा स्वर्गीय पिता उन को खिलाता है; क्या तुम उन से अधिक मूल्य नहीं रखते। तुम में कौन है, जो चिन्ता करके अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है
और वस्त्र के लिये क्यों चिन्ता करते हो? जंगली सोसनों पर ध्यान करो, कि वै कैसे बढ़ते हैं, वे न तो परिश्रम करते हैं, न कातते हैं। तौभी मैं तुम से कहता हूं, कि सुलैमान भी, अपने सारे विभव में उन में से किसी के समान वस्त्र पहिने हुए न था। इसलिये जब परमेश्वर मैदान की घास को, जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा वस्त्र पहिनाता है, तो हे अल्पविश्वासियों, तुम को वह क्योंकर न पहिनाएगा? इसलिये तुम चिन्ता करके यह न कहना, कि हम क्या खाएंगे, या क्या पीएंगे, या क्या पहिनेंगे? क्योंकि पूरी दुनिया इन सब वस्तुओं की खोज में रहते हैं, और तुम्हारा स्वर्गीय पिता जानता है, कि तुम्हें ये सब वस्तुएं चाहिए।” इसलिए प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कारो और वो आपको इस कठिन समय से निकलेगा।
इस प्रकार लक्ष्य हमारे जीवन का उद्देश्य देखते हैं। लक्ष्य निर्धारित करने के लिए हमें पहले समझना चाहिए कि हम जीवन में क्या चाहते हैं और इसे प्राप्त करने के लिए एक योजना बनाएं। हमें अपने लक्ष्य को पाने के लिए हमेशा एक समय सीमा तय करनी चाहिए।
कहीं बाहर हमारे जीवन में हमें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है पर हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए क्योंकि जीवन में चुनौतियों की वजह से हमें एक नया अनुभव और उन चुनौतियों से सीखने को मिलता है क्योंकि हमारे पास वह है जो शायद दूसरों के पास नहीं होगा इसलिए अपने जीवन में कभी भी हिम्मत ना हारे।
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