जीवन
टेक्नोलॉजी हमारे लिए वरदान है या श्राप?
क्या सच में टेक्नॉलजी से हमारा विकास हो रहा है? क्या जिस आधुनिक भारत की हम बातें सुना करते थे क्या हम वहाँ तक पहुँच गए हैं? क्या टेक्नोलॉजी सच में हमारे लिए वरदान है या सिर्फ़ श्राप?
टेक्नॉलजी और विकास
टेक्नोलॉजी- आज यह शब्द हर एक इंसान को पता है। औऱ अपने रोज़मर्रा जीवन में हम उसका जाने अनजाने इस्तेमाल करते है। पर टेक्नोलॉजी क्या है? टेक्नोलॉजी यह ऐसी सुविदा है जहां पहले कुछ कार्य करने के लिये अधिक समय लगता है वहाँ टेक्नोलॉजी द्वारा चीजें जल्द हो जाती है आसानी से। उसमें मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है इत्यादि उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। चीजे अपडेट होती है। उदारहरण आज जैसे बड़ो से लेकर छोटे बच्चों के पास मोबाइल फ़ोन आ गए है यह एक टेक्नोलॉजी का चमत्कार है। इस टेक्नोलॉजी के द्वारा लोग नजदीक आ गए है वह सिर्फ अपने देश से ही नही विदोशों में भी संपर्क कर सकते है। आजकल तो बच्चो की पढ़ाई का माध्य्म भी मोबाइल टेक्नोलॉजी से हो गया है। टेक्नोलॉजी द्वारा हर एक व्यक्ति का विकास हुआ है।
टेक्नोलॉजी के फायदे
- हम आसान और आराम दायक जीवन आज टेक्नोलॉजी द्वारा जी रहे है। उदाहरण के लिए अगर कही जाना है तो हमारे लिए ट्रैवल करने के लिए बहुत सारे साधन उपलब्ध है। वॉशिंग मशीन में हमारे कपड़े बिना मेहनत के धूल जाते हैं।
- टेक्नोलॉजी के द्वारा भयकर बीमारियों पर इलाज हो रहा है। जिस से इंसान अपनी जान बचाने की कोशिश करता है।
- टेक्नोलॉजी द्वारा इंसान असमान तक पहुँच चुका है।
इत्यादि ऐसे और बहुत सारे फायदे है पर। पर हर सिक्के के दो पहलू होते हैं तो टेक्नोलॉजी के कुछ नुकसान भी है। जैसे कि:
- “आलसी होना” टेक्नोलॉजी द्वारा कुछ लोग आलसी बन रहे है। शारीरिक मेहनत करना भूल गये है। उन्हें सब जल्दी से चाहिये। और हर समय मशीन उनके काम करे यह इच्छा रखते है। देखा जाये तो टेक्नोलॉजी बिना जीना मुश्किल हो गया है।
- एक दूसरे के साथ रिश्तों में कमजोर होना अब तो दोस्ती रिश्तेदारी सिर्फ फ़ेसबुक और सोशल मीडिया द्वारा सीमित रह गयी है। कुछ लोग रियल रिश्तों से ज्यादा टेक्नोलॉजी के रिश्तों पर विश्वास करने लगे हैं।
- गलत टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से लोग धोका धड़ी कर रहे हैं। आपने तो सुना ही होगा बैंक में इतना घोटाला हुआ, किसी ने किसी का लैपटॉप हैक कर के उसकी सब निजी जानकारी का गलत इस्तेमाल किया।
- कुछ लोग मानसिक और शारीरिक बीमारियों के शिकार भी बन रहे हैं। जैसे की वह पूरी तरह से उस टेक्नोलॉजी के अधीन हो गए हैं। कौनसी वस्तु का कितना इस्तेमाल करना है यह उनको पता ही नही है। अपने जीवन का सच्चा आनंद ही नही ले पा रहे है। इत्यादि…
टेक्नॉलजी वरदान भी और श्राप भी
इस का अर्थ है टेक्नोलॉजी आज वरदान भी है और श्राप भी है पर उसका कितना इस्तेमाल करना है और कैसे करना है यह हमारे हाथ में है।
हम हर एक जन चाहते हैं कि हमारा देश भारत देश आधुनिक भारत हो। टेक्नोलॉजी के सभी फायदे भारत के हर एक व्यक्ति को मिले। गांव खेड़ों तक उसका सभी जन लाभ उठाये।
सच्चाई ये भी है कि इस टेक्नॉलजी के नए आविष्कार के साथ साथ हम ईश्वर की बनाई सृष्टि को भी बर्बाद कर रहे हैं, चाहे वो किसी तरह का पौलयूशन हो या गंदगी – सभी हमारी टेक्नॉलजी की ही दें है। पर एक बात तो है टेक्नलॉजी ने मनुष्य को नही पर मनुष्य ने टेक्नोलॉजी को बनाया है। तो उसका इस्तेमाल करे पर उसके आधीन न हो। और इस टेक्नोलॉजी के बनाने वाले मनुष्य के रचने वाले के बारे में अगर जानना चाहते हो तो हमसे संपर्क कीजिए नई मंज़िल पे।