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मेडिटेशन कैसे करें? | Meditation |
मेडिटेशन क्या है? मेडिटेशन करने से क्या हम सच में अपने दिमाग़ पर क़ाबू पा सकते हैं? क्या होता है अपना दिमाग़ ख़ाली करने से? क्या सच में इस से हमारे जीवन को लाभ मिलता है? आइए जाने मेडिटेशन के कुछ टिप्स!
मेडिटेशन
आजकल मेडिटेशन का बड़ा स्वैग है। सेलेब्रिटी हो या पड़ोस वाली आँटी, ज्यादातर लोग एक्सरसाइज मैट, योग वीडियोस के साथ साँस लेने और नमस्कार की क्रिया करते हुए पाए जाते हैं। लेकिन मेडिटेशन क्या है और कैसे करें? क्या यह घर पर कर सकते हैं या फिर कोई फिटनेस या रिट्रीट सेंटर जॉइन करना जरूरी है?
मेडिटेशन क्या है
साधारण भाषा में समझे तो भटकते मन, बुरे विचारों को शांत कर एकाग्र दिमाग/मन को ईश्वर की ओर ध्यान लगाने को मेडिटेशन या ध्यान करना कहते हैं।
मेडिटेशन के फायदे
कहते हैं मेडिटेशन से विचारों को कंट्रोल करके मन शांत होता है, चिंता और डिप्रेशन खत्म होते हैं। शरीर का दर्द और ब्लड प्रेशर भी ठीक रहता है।
मेडिटेशन और मेरी कहानी
MBA की पढ़ाई खत्म होने पर मुझे काफी दिनों तक जॉब नहीं मिली। एजुकेशन लोन की पेमेंट, घर पे मासिक खर्च भेजने की जिम्मेदारी सब कुछ मेरी नौकरी पर निर्भर था। बेरोजगारी से मेरा मन बेचैन रहता, फ्यूचर की टेंशन से हमेशा हताश रहने लगा। एक इंटरव्यू देकर लौट रहा था तो मेरी नज़र रिट्रीट सेंटर पर पड़ी और मैंने वहाँ मैडिटेशन करना शुरू किया।
- सास लेने की विधि और बॉडी पोस्चर पे फोकस
- दिमाग खाली करने के तरीके
- मंत्रो का उचारण
यह सब और बहुत कुछ किया फिर भी मन शांत हुआ नहीं हुआ। बल्कि और कंफ्यूज हो गया। गुरूजी ने बताया की इन्सान के पास मंकी माइंड है इसलिए दिमाग़ को कंट्रोल करना है वर्ना हमेशा खुराफाती या परेशान करने वाली सोच रहेगी।
मुझे लगा की मेरा शरीर और बाकि कुछ बंदर जैसा नहीं तो दिमाग कैसे बंदर जैसा हुआ? मैंने ये बात अपनी दोस्त ईशा से शेयर की। उसने मुझे बताया की ईश्वर ने मनुष्य को अपनी छवि में बनाया है और हम उसके जैसे है ना की किसी भी अन्य प्रजाति जैसे। उसने मुझे भगवान् का ध्यान करने की सही विधि बताई।
यहोशु 1:8 “उस व्यवस्था की किताब में लिखी गई बातों को सदा याद रखो। तुम उस किताब का अध्ययन दिन रात करो, तभी तुम उसमें लिखे गए आदेशों के पालन के विषय में विश्वस्त रह सकते हो। यदि तुम यह करोगे, तो तुम बुद्धिमान बनोगे और जो कुछ करोगे उसमें सफल होगे।“
2 कुरान्थियो 10:5 “सो हम कल्पनाओं को, और हर एक ऊंची बात को, जो परमेश्वर की पहचान के विरोध में उठती है, खण्डन करते हैं; और हर एक भावना को कैद करके मसीह का आज्ञाकारी बना देते हैं।”
बाइबिल के यह दो वचन हमें बताते हैं की
- बाइबिल ईश्वर का वचन है। इसमें लिखी बातें याद रखने, उसका पालन मैडिटेशन करने से हमारा दिमाग तेज़ होगा और जीवन में तरक्की मिलेगी।
- वो हर सोच जो ईश्वर के वचन का विरोध करती है हम उसे कंट्रोल करे और ईश्वर के वचन से रिजेक्ट करें।
मेडिटेशन के सही टिप्स
- घर के किसी शांत जगह पे कर सकते हैं ध्यान। शांत जगह का होना कोई रूल नहीं बस डिस्ट्रैक्शन से बचने का सुझाव है
- शुरुआत 5-10 मिनट से करें, धीरे धीरे समय बढ़ाये।
- ईश्वर ने हमारी जिंदगी का हर दिन अच्छा बनाया है। बाइबिल पढ़े, हर दिन के लिए एक अच्छी बात सीखे और उसे दोहराए
- खाली दिमाग शैतान का घर होता है। बुरी बातों से दिमाग खाली जरुर करें पर साथ ही ईश्वर से वचन से दिमाग भरे।
जैसे अगर आप फाइनेंसियल प्रॉब्लम में है तो प्रॉब्लम को सोचने के बजाए यह दोहराइए “मेरा पिता परमेश्वर मेरी हर जरुरत का ध्यान रखेगा, मझे भरोसा है उस पर” ऐसा करने से आपका मन इन्ही बातों पर विश्वास करेगा और बुरे विचार खत्म होंगे।
जो सीखें वो लिखे ताकि आजीवन याद रहे
जगह की खूबसूरती, बैकग्राउंड म्यूजिक, पोशाक, पोस्चर, आदि पर ध्यान रहेगा तो ईश्वर के बारें में कैसे सोचेंगे? हर एक बुरे विचार का तोड़ ईश्वर के वचन में है | जरुरत है एकाग्र मन से उसका अध्ध्यन करने की। मेडिटेशन के बारें में और जानने के लिए हमसे बात करें। आओ चलें एक नयी मंजिल पे!