डिजिटल अब्यूस अपने साथी के प्रति सोशल मीडिया या किसी डिजिटल डिवाइस के ज़रिए किये जाने वाले दुर्व्यवहार को कहते हैं। टेक्स्टिंग और सोशल नेटवर्किंग पर धमकाना, परेशान करना, डंठल या डराने जैसी तकनीको का उपयोग है। यह एक तरह का ऑनलाइन अपराध भी माना जाता है।
आज के तकनिकी सदी में डिजिटल अब्यूस काफी बढ़ गया है और इस पर चरचा करना ज़रूरी हो गया है। एक अच्छे रिश्ते में आपस में आदर होता है। आत्मविश्वास और आत्म- सम्मान को ठेस नहीं पहुचायी जाती। पर जब किसी रिश्ते में घुटन होने लगे चाहे वह फ़ोन पर की गयी बुराई, निंदा, या फिर सोशल मीडिया साइट्स जैसे फेसबुक, ट्विटर पर मेस्सजिस और कमेंट्स के द्वारा भावनात्मक और मानसिक पीड़ा पहुचने की कोशिश को डिजिटल अब्यूस माना जायेगा।
मेरी एक दोस्त लॉंग डिस्टन्स रेलेशन्शिप में थी मगर उसका बॉफ़्रेंड मिलों दूर बैठ कर भी उसे फोन के ज़रिए कंट्रोल करता था। उस पर विश्वास ना करना, उसके दोस्तों के नम्बर अपने पास रखना, उसके पैस्वर्ड, उसे यहाँ तक की whatsapp जैसी app जो हम सभी की ज़रूरत है वो तक इस्तेमाल नहीं करने देता था। इन सभी चीजों ने उसे मानसिक और भावनात्मक तौर पर बहुत ज़्यादा इफ़ेक्ट किया यहाँ तक कि उस रिश्ते से बहार निकलने के बाद वो बहुत समय तक डिप्रेशन में रही और उसे counselor की मदद लेनी पड़ी।
कुछ समय पहले एक टीवी शो पर एक अभिनेत्री ने अपने सोशल मीडिया पर होनवाले ट्रोलस की आपबीती सुनाई। किसी ने उनको अपना वजन कम करने कहा, किसी ने कहा की वो भूतनी दिखती है ऐसी कई बुरी बातें खुलेआम करी। साइबर क्राइम के अन्वेषक रितेश भाटिया ने उस शख्स को पकड़ा जो उस अभिनेत्री को डिजिटल अब्यूस के द्वारा मानसिक पीड़ा पंहुचा रहे थे।
अगर आप भी इस तरह के अब्यूस या शोषण से गुजर रहे हैं तो उसे नोर्मल समझ कर उसे स्वीकार मत करें। Social media पर इस तरह की ट्रोलिंग से बचें जो आप पर ग़लत प्रभाव डालती है। ग़लत रिश्तों से भी बाहर निकलें।
बाइबिल स्पष्ट रूप से बताती है की कुचिन्ता, हत्या, स्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निन्दा मन ही से निकलतीं है। ये मन ही हैं जो दोषी हैं। जब पहले आदमी ने परमेश्वर के खिलाफ पाप किस तो वह पवित्र परमेश्वर के स्तर से नीचे हो गया और यह पाप का स्वाभाव बढ़ता गया।
हम कुछ अच्छे काम करके और कुछ हद तक समाज में जागरूकता ला सकते है लेकिन पाप को खतम नहीं कर सकते।
इस पाप की वजह सा हम परमेश्वर से दूर हो गए और नरक के भागी बन गए। हमे फिर से सच्चे परमेश्वर के पास जाना होगा और एक नया ह्रदय पाना होगा। अगर आपको मदद की ज़रूरत है तो आप नयी मंज़िल के साथ जुड़ सकते हैं।
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