‘सेक्स’…यह शब्द सुनने से ही हमारे दिमाग़ में कई अच्छी-बुरी चीज़ें आने लगती हैं। आज के ज़माने में यह एक बर्निंग टॉपिक है जिसे मुद्दा बनाकर कई कंपनियाँ बड़ी, कई लेखक फ़ेमस और कई फ़िल्में सुपरहिट हों गईं। आज की इक्कीसवीं सदी से पहले शायद इन्सान इतना ज़्यादा कुछ सेक्स के बारे में न जानता था और न ही जानने को इतना डेस्परेट था और इसलिए शायद आज के बाज़ार में सेक्स या किसी कि सेक्शुयेलिटी हॉट केक की तरह बिकती है।
लेकिन इसी इक्कीसवीं सदी से पहले हम सेक्स जैसे टॉपिक को लेकर इतनी ज़्यादा दुविधा या कन्फ्यूज़न में भी तो न थे…!!!
जिस किसी को देखो वह अपने हिसाब से सेक्स की परिभाषा देता और सेक्शुयेलिटी को डिफ़ाइन करता है।बाइबिल में नीतिवचन 5:18 के अनुसार यह परमेश्वर का दिया हुआ एक उपहार है जिससे हम अपनी पत्नी के साथ उसके प्रेम में सदा आकर्षित और ख़ुश रहें। जी हाँ…पत्नी…यानि कि शादी के बंधन में ही परमेश्वर ने रोमांस या रुमानियत और सेक्स को मान्यता दी है और उचित कहा है।
हाँ…क्योंकि इब्रानियों 13:4 में परमेश्वर ने शादी के रिश्ते को आदर करने की बात कही है और कहा है कि ये संबंध हमेशा पवित्र रहे। इसका मतलब पति पत्नी सिर्फ़ एक दूसरे के साथ ही शारीरिक संपर्क बनाएँ…किसी और के साथ नहीं।
आगे अगर हम 1 कुरिन्धियों 7:5 में देखें तो बाइबिल ये बताती है कि शादी एक अनोखा रिश्ता पति पत्नी के बीच कायम करता है, और वह उस शारीरिक संपर्क है जिसके बिना या जिस वजह से पति पत्नी को एक दूसरे के बिना रहने की मनाही है। बाइबिल कहती है, “तुम एक दूसरे से अलग न रहो, लेकिन सिर्फ़ कुछ वक्त तक आपसी सहमति से कि प्रार्थना कर पाओ, और फ़िर एक साथ रहो, ऐसा न हो कि तुम्हारे असंयम के कारण शैतान तुम्हें परखे”।
यहाँ बाइबिल कह रही है कि हमारी शारीरिक लालसाओं के कारण हम परीक्षा में पड़ जाते हैं इसलिए पति पत्नी को एक दूसरे से अलग नहीं रहना चाहिए। इसी शारीरिक लालसा के कारण 1 कुरिन्धियों 7:9 में यह कहा गया है कि शादी कर लेना बेहतर है न कि वासना की आग में जलना। और तो और 1 कुरिन्धियों 7:3-4 के मुताबिक़, बाइबिल पति पत्नी को एक दूसरे के ऊपर शारीरिक हक़ देता है।
हाँ बिल्कुल…इसे हमें आदर और पवित्रता से देखना चाहिए ना कि लालसा, अभिलाषा या वासना की नज़र से…यह बात हमनें ऊपर इब्रानियों 13:4 में भी देखी है। और यही बात 1 थिस्सलुनीकियों 4:3-5 में भी परमेश्वर ने कही है।
1. व्यभिचार की मनाही (निर्गमन 20:14, 1 कुरिन्धियों 6:18, मत्ती 5:28)
2. समलैंगिक संबंध की मनाही (रोमियों 1:26, 27)
3. अपने किसी करीबी रिश्तेदार के साथ शारीरिक संबंध की मनाही (लैव्यव्यवस्था 18:6)
4. किसी पशु या जानवर के साथ शारीरिक सम्बंध की मनाही (लैव्यव्यवस्था 18:23)
5. किसी वेश्या के साथ शारीरिक संबंध की मनाही (1 कुरिन्धियों 6:15-17)
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