‘फ्लर्टिंग’ अपने-आप में काफ़ी हल्का और कन्फ़्यूज़िंग शब्द है। जो लोग फ्लर्टिंग करते हैं वो इसे हल्के में लेते हैं, पर जिसके साथ ये किया जाता है उस पर इसका उल्टा प्रभाव पड़ सकता है। फ्लर्टिंग में लोग अक्सर अगले की तारीफ़, या कोई मज़ाक करते हैं जो काफ़ी हल्का-फुल्का होता है पर इसका दुष्प्रभाव उस अगले इंसान पर पड़ सकता है।
हाँ! फ्लर्टिंग बुरी चीज़ है। परमेश्वर के वचन बाइबिल के अनुसार अगर कोई पुरुष या लड़का किसी औरत या लड़की को बुरी नज़र से देख भी ले तो उसने अपने मन में व्यभिचार कर लिया है। बाइबिल यह भी कहती है कि हम अपनी बातों में अडिग रहें। हमारी ‘हां’ और ‘ना’ अडिग और अचल हो। हमारी बातों का एक से ज़्यादा मतलब न हो। क्योंकि परमेश्वर हमारे ज़बान से निकले हर एक बात को जांचता है और परखता है। परमेश्वर हमारे मन को पूरी तरह से जानता है।
‘फ्लर्टिंग’ शब्द का इस्तेमाल बाइबल में तो कहीं नहीं है पर प्राचीन इस्राइल देश के राजा, सुलेमान के लिखे गए किताब नीतिवचन में ऐसी एक औरत का वर्णन है जो लोगों को अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों में फंसाती है। यह कुछ ऐसा लिखा गया है- “उसने उसे लुभावने शब्दों से मोह लिया। उसको मीठी मधुर वाणी से फुसला लिया। वह तुरन्त उसके पीछे ऐसे हो लिया जैसे कोई बैल वध के लिये खिंचा चला जाये। जैसे कोई निरा मूर्ख जाल में पैर धरे। जब तक एक तीर उसका हृदय नहीं बेधेगा तब तक वह उस पक्षी सा जाल पर बिना यह जाने टूट पड़ेगा कि जाल उसके प्राण ले लेगा। सो मेरे पुत्रों, अब मेरी बात सुनो और जो कुछ मैं कहता हूँ उस पर ध्यान धरो। अपना मन कुलटा की राहों में मत खिंचने दो अथवा उसे उसके मार्गो पर मत भटकने दो। कितने ही शिकार उसने मार गिरायें हैं। उसने जिनको मारा उनका जमघट बहुत बड़ा है। उस का घर वह राजमार्ग है जो कब्र को जाता है और नीचे मृत्यु की काल-कोठरी में उतरता है!”
बाइबिल में कुछ ऐसा ही एक पुरूष के बारे में भी लिखा गया है जो भोली-भाली लड़कियों को अपने बातों के जाल में फंसाता है। यीशु मसीह के शिष्य पौलुस के अनुसार जो पुरुष परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते और उनका भय नहीं मानते वो अक्सर भोली-भाली स्त्रियों के घर में घुसकर उन्हें अपनी बातों के जाल में फंसा लेते हैं और अपने मन और शरीर की अभिलाषाएं पूरी करते हैं।
हाँ! क्योंकि फ्लर्टिंग अक्सर व्यभिचार में ही बदलता है। और यीशु मसीह ने तो हमें अपनी आँखों तक से और मन से भी इसे सोचने और देखने के बारे में मना किया है क्योंकि यही पाप है जो हमें ईश्वर से अलग करता है। आखिर इसी पाप की वजह से तो यीशु ने हमारे लिए अपनी जान दी और परमेश्वर से हमारा संबंध जोड़ा। हर फ्लर्टिंग शारीरिक व्यभिचार में तो नहीं बदलता पर हर फ्लर्टिंग अपने-आप में ही एक व्यभिचार है जो हम अपने मन में किसी अगले के लिए कर बैठते हैं।
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