आकर्षण का नियम क्या है?क्या है आकर्षण का सिधान्त? प्यार की परिभाषा क्या है? अगर आकर्षण में प्यार नहीं है तो फिर सच्चा प्यार क्या है? आइए जाने प्यार की परिभाषा और आकर्षण के रोचक तथ्य।Law of attractionफिर सच्चा प्यार क्या है? आइए जाने प्यार की परिभाषा!
यह शब्द हमने काफी सुने और पढ़े हैं, लव स्टोरीज पे आधारित मूवीज भी देखी हैं। लेकिन आजकल एक नया शब्द “आकर्षण” हम सबको कंफ्यूज कर रहा है। क्या प्यार और आकर्षण एक ही है या इनमे कोई फर्क है? कैसे पता चलेगा की सच्चा प्यार क्या है?
सारे काम और जिम्मेदारियां छोड़ कर जब हम किसी एक इन्सान/ बात/ चीज़ के बारे में सोचते रहते हैं, उसी के ख्यालों में डूबे रहने को आकर्षण कहते हैं। प्यार की यह कहानी सुनो।
कुछ दिनों पहले मुझे अकसर प्यार हो जाता था। कभी ऑफिस में या कभी मेरी कॉलोनी की किसी लड़की से। टोटल कन्फ्यूज्ड था की वाकई में मैं प्यार किससे करता हूँ?
फिर एक पार्टी में मेरी मुलाकात एक लड़की से हुई। पार्टी के बाद भी बात चीत जारी रही और हमें एक दूसरे से काफी लगाव हो गया। हम अकसर फ़ोन पे बात करने और रोजाना मिलने लगे। जल्द ही हमारे बीच फ़िज़िकल रिलेशन भी बन गया। मुझे पूरा यकीन था की ये सच्चा प्यार है। तभी पता चला की उसे अब्रॉड जॉब मिल गयी है और वो करियर के लिए हमारा रिश्ता तोड़ कर जाना चाहती है। वो चली गयी लेकिन दिल टूटने से मेरी नौकरी और बाकी रिश्तों पर इसका बहुत नेगेटिव असर हुआ। मुझे लगा मेरी जिंदगी खत्म हो गई और उभरने का कोई रास्ता नहीं।
फिर मेरे एक दोस्त ने मुझे समझाया कि उस रिश्ते में मैं सिर्फ अपोजिट सेक्स की तरफ आकर्षित था और वो मेरा जुनून बन गया। उसने मुझे बताया ईश्वर के सच्चे प्यार से मैं उभर सकता हूँ। सच्चा प्यार समय के साथ बढ़ता है, इज्जत करता है, और खुद से पहले अपने पार्टनर की भावनाओं का ध्यान रखता है।
1 कुरान्थियों 13:4-8 “प्रेम धीरजवन्त है, और कृपालु है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता और फूलता नहीं। वह अनरीति नहीं चलता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता, झुंझलाता नहीं, बुरा नहीं मानता। कुकर्म से आनन्दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्दित होता है। वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है। प्रेम कभी टलता नहीं;” बाइबिल का आधार परमेश्वर का अनंत प्रेम है जो उसने हम सब से किया और हमारी भलाई के लिए, दुनिया की सबसे बड़ी क़ुरबानी दी।
1.प्यार में सब्र और सहनशीलता होती है जो किसी के साथ समय बिताने के साथ आती है। जबकि आकर्षण तो किसी के फिजिकल अप्पीअरेंस या आदत से इंस्टेंट लगाव रखता है। प्यार हमेशा हर दुःख सुख में साथ देता है पर आकर्षण समय के साथ खत्म हो जाता है।
2.प्यार में हम धीरे धीरे एक दूसरे की आदतों को समझते हैं और लगाव रखते हैं पर क्योंकि आकर्षण इंस्टेंट है तो जल्दी इम्प्रेस करने के लिए सिर्फ अपनी बढ़ाई करनी पड़ती है। कई बार इम्प्रेस करने के लिए झूठ भी बोलना पड़ता है लेकिन प्यार तो सच्चाई और भरोसे पे आधारित होता है।
3.प्यार में आपका पार्टनर आपकी ख़ुशी को प्रयोरिटी देगा, आपके लिए सैक्रिफाईस करेगा। आकर्षण की नींव रूप रंग है, उसमे आपकी इमोशंस की कोई जगह नहीं। रिश्ते के शुरुआती दिनो में हर छोटी बात पर झुंझलाहट और बहस होगी।
4.प्यार हमारी भलाई चाहता है, गलतियों की गिनती नहीं करता बल्कि हमारी बुराई को अच्छाई में बदलता है, हमें एक बेहतर इन्सान बनाता है पर आकर्षण सिर्फ हमारी गलतियाँ दिखायेगा।
5.प्यार हमारा सहारा है, हमारी रक्षा करता है और हमेशा आशावादी होता है। प्यार समय के साथ बढ़ता है जबकि आकर्षण पर बुना रिश्ता, समय के साथ धुंधला हो जाता है।
प्यार शब्द काफी छोटा और साथ ही काफी गहरा भी है। प्यार की यह गहराई, रिश्ते में समय के साथ आती है। प्यार का मीठा फल चाहिए तो इंतज़ार और सब्र से रिश्ता आगे बढ़ाना होगा। प्यार और आकर्षण के बारें में और जानने के लिए हमसे बात करें। आओ चलें प्यार की नयी मंजिल पे!
क्या आप बिना कुछ काम किए भी हर समय थका हुआ महसूस करते हो? कई…
आपने अपनी मनोकामना को पूरी करने के लिए क्या क्या किया है? हम अपनी मनोकामना…
प्यार के बिना ज़िंदगी का कोई मतलब नहीं है पर यह भी सच है कि…
“क़िस्मत का लिखा कोई नहीं मिटा सकता।” “ये तो नसीबों की बात है।” क्या हमारी…
ये बात सच है कि "कल किसने देखा है" पर भविष्य की तैयारी और योजना…
ट्रैन पटरी से उतरने की दुर्घटना में, घायल हुए 1000 से भी ज़्यादा लोग। इस…