प्यार
प्यार भरा स्पर्श: बच्चों का अच्छे से पालन पोषण करने के लिए 10 टिप्स।
क्या आप जानते हैं कि बच्चों के अच्छे पालन पोषण से उनका शारीरिक और मानसिक विकास होता है?! 1 से 12 साल की उम्र बच्चों के लिए बहुत ही महत्तवपूर्ण होती है और उनके पूरे जीवन को दिशा देती है। आइए जाने कुछ ऐसी बातें जो आपके बच्चों के पालन पोषण के लिए बहुत ज़रूरी है।
प्यार भरा स्पर्श
पति और पत्नी का रिश्ता बड़ा ही अलग अनुभव है पर जब उनके रिश्ते का परिणाम एक बच्चे का रूप ले लेता है तो यह रिश्ता और ज्यादा मज़बूत हो जाता है। माँ बाप का रिश्ता उन्हें एक नई और अनोखी मंज़िल की ओर ले जाता है। यह रिश्ता परमेश्वर के प्यार की परछायी है।
एक बच्चे को पालना, उसकी देखभाल करना उसे जिंदगी जीना सिखाना और यही नहीं इसके साथ-साथ उनकी ज़िद्द, शरारतें, झूठ बोलना, दूसरे बच्चों से लड़ाई झगड़ा करना, उनका बीमार पड़ना और आपका रात भर जाग कर उन्हें संभालना यह एक ही सिक्के के दूसरे पहलू हैं।
मां बाप पहले से ही उनकी जिंदगी सोच कर बैठ जाते हैं कि उनके बच्चे क्या करेंगे, क्या होंगे या नहीं होंगे और बहुत बार मां-बाप अपनी जिंदगी अपने बच्चों के ऊपर लागू करने के चक्कर में उनकी जिंदगी को खराब कर देते हैं।
बचपन मे जब मैं अपनी मम्मी के साथ बाहर जाती थी तो मैं चाहती थी कि मेरी मां हमेशा मेरा हाथ पकड़ के रखे। बहुत बार मेरी मम्मी मेरा हाथ नहीं पकड़ती थी और मेरे हाथ में अपने डुपट्टे की एक नोक दे देती पकड़ने के लिए।
बचपन का क़िस्सा
इस बात से मेरे दिमाग में यह बात बैठ गई कि मेरी मम्मी मुझसे प्यार नहीं करती। मैंने कॉलेज तक इस बात को अपने अंदर रखा और यह बात मुझे अंदर ही अंदर खाती थी जब तक कि यह प्रभु यीशु मसीह ने मेरे मन को भीतर से चंगा नहीं किया। आप खुद सोच कर देखिए बचपन में हुई एक बात ने पूरी जिंदगी मुझे परेशान किया। यदि यीशु मसीह के द्वारा मुझे मेरे मन की चंगाई नहीं मिलती तो यह बात जीवन भर मुझे सताती रहती कि मेरी मां मुझसे प्यार नहीं करती।
एक अच्छे मां बाप होने के नाते आपको यह समझना होगा कि आपका बच्चा एक इंडिविजुअल है जिसके खुद के सपने हैं, खुद की पसंद ना पसंद है, खुद के डर है। अगर आप अपने बच्चे की इच्छाओ, उसके सपनो को नजरअंदाज करते रहेंगे तो आपका बच्चा अपनी जिंदगी में कभी आगे बढ़ नहीं पाएगा और दो तरफा दुनिया में उलझा रहेगा- एक आपकी और एक अपनी।
बच्चों का अच्छे से पालन पोषण करने के कुछ टिपस
- आप अपने बच्चों को सही और गलत का फर्क सिखाएं खासतौर से उन्हें सही और गलत टच के बारे में सिखाएं कि अगर कोई उन्हें छुए तो वह उस स्पर्श को समझ सकें कि यह स्पर्श सही है या गलत।
- उन्हें खूब प्यार दें क्योंकि विज्ञान के द्वारा यह साबित हो चुका है कि जिन बच्चों को यह महसूस होता है कि उनसे कोई प्यार नहीं करता उन्हें मानसिक तनाव के कारण ठीक से बढ़ नहीं पाते। ऐसे बच्चों में कॉन्फिडेंस की कमी होता है।
- उनकी बातों को समझने की कोशिश करें और हर बात पे गुस्सा न हो। कहीं ऐसा न हो कि आपके बार-बार गुस्सा करने से वह आपसे झूठ बोलने लगे और उनको झूठ बोलने की आदत पढ़ जाए।
- बच्चों को मां-बाप की इज्जत करना सिखाना बहुत अच्छी बात है पर उन में गलत तरह का डर पैदा ना करें जिससे वे आपसे बातें छुपाने लगे बल्कि उन्हें ऐसे माहौल में रखें जहां वह अपनी बातें खुल कर आपके सामने रखें और आप उन्हें सही फैसले लेना सिखाए।
- अगर आप यह विचारधारा रखते हैं कि लड़का लड़की से बेहतर है तो आप ऐसा सोचना छोड़ दे क्योंकि ऐसी सोच के साथ आपके बच्चों का गलत विकास होगा।
- उनसे खुल के बात करें कि ऐसी कोई बात है जो उन्हें परेशान कर रही हो या कोई इंसान जिससे वह परेशान हैं। मां बाप होने के नाते आप उन्हें भरोसा दिलाए कि आप उनके साथ हैं और उनकी मदद करेंगे।ऐसा करने से उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा।
- अपने बच्चों को पैसा खर्चना और बचत करना दोनों सिखाये। ताकि भविष्य में यह उनके लिए मददगार हो।
- घर में अगर बच्चे दो या तीन हो तो उन्हें एक दूसरे से प्यार करना सिखायें।
- अपने बच्चों को बचपन से ही खुद से चुनाव करना सिखाए ताकि बड़े होकर वह अपने जीवन के सही फैसले लें सके और फैसला लेने के लिए उन्हें दुसरो पर निर्भर न होना पड़े ।
- अपने बच्चों के लिए एक अच्छा उदाहरण बनें। बच्चे बातों से नहीं परंतु स्वभाव और घर पर एक दूसरे से अच्छे व्यवहार से सिखते हैं। घर का मोहोल अच्छा रखें, बच्चों के सामने अपशब्द का प्रयोग ना करें और आपस में झगड़ा ना करें।
बच्चों को पालते पालते मां-बाप खुद भी बहुत सी चीजें सीख जाते हैं। इन्हें पालना और संभालना बहुत मेहनत का काम है और यह अनुभव उन्हें नम्र बना देते हैं, प्यार देना सिखा देता है, परवाह करना सिखा देता है।
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